पालि- व्याकरण-परम्परा में कच्चान-व्याकरण का वैशिष्ट्य और महत्त्व - डॉ. प्रफुल्ल गड़पाल ( सहायकाचार्य) राष्ट्रिय-संस्कृत-संस्थानम्, श्रीरघुनाथ-कीर्ति-परिसर , देवप्रयाग (उत्तराखण्ड) पालि 1 भाषा भारत 2 की एक अत्यन्त प्राचीन भाषा है। जन-जन के दुःखों की मुक्ति तथा मांगल्य के पुनीत-उद्देश्य से भगवान् बुद्ध ने अपने उपदेश इस भाषा के माध्यम से प्रदान किये। 45 वर्षों तक लोक-कल्याण का यह सिलसिला अबाध गति से चलता रहा और भगवान् बुद्ध ने इस कालावधि में खूब लोक-मंगल किया। भगवान् के महापरिनिब्बान के पश्चात् सम्पन्न धम्म-संगीतियों के माध्यम से बुद्धवाणी का संगायन और सङ्कलन किया गया , जो तिपिटक के रूप में हम सबके समक्ष प्रत्यक्षतः उपस्थित है। स्पष्ट ही है कि यह सम्पूर्ण तिपिटक-साहित्य भी पालि-भाषा में ही उपलब्ध होता है। तिपिटक साहित्य के अन्तर्गत तीन पिटक अन्तर्भूत होते हैं — 1. विनय-पिटक , 2. सुत्त-पिटक और 3. अभिधम्म-पिटक। इस साहित्य के अतिरिक्त पालि में अनुपिटक साहित्य भी उपलब्ध होता है तथा तिपिटक की अट्ठकथा , टीका , अनुटीका और भाष्यादि विपुल साहित्य इसमें प्राप्त होता है। उपर्युक्त
सर खूप छान अंक आणि तो ही पाली मध्ये । एक पेज पाली मराठी डिक्शनरी साठी असू द्या।
ReplyDeleteउत्तम
ReplyDeleteVery very Important work
ReplyDeleteCan not subscribe to the YouTube channel. Please share the link. Thanks.
ReplyDeleteVery Nice Work
Deletehttps://www.youtube.com/channel/UCmuV4uBdNsiZe8NbfnfdMoA
Deleteडॉ प्रफुल्ल गड़पाल जी
ReplyDeleteजय भीम
आपके द्वारा पाली भाषा का प्रचार और प्रसार का काम सराहनीय है आने वाले दिनों में आने वाली सभी के लिए यह बहुत ही महत्वपूर्ण काम है मैं चाहता हूं कि आप जैसे लाखों करोड़ों ऐसे पाली के अध्यापक हो वह पाली भाषा संवर्धन के लिए पाली का प्रचार और प्रसार करने के लिए अपना तन मन धन अर्पित करते हुए पाली भाषा को फिर से जन्म भाषा लोक भाषा बनाने के लिए अपना पूरा योगदान दे रहे हैं यह काम बहुत ही सराहनीय है आपको आपके जीवन में बहुत सारी खुशियां मिले मैं भी अपने भविष्य में जीवन में समर्पित हूं धम्म ओके काम के लिए काम कर रहा हूं लिख रहा हूं प्रयास जारी है लेकिन हर एक को इस प्रकार से हटके काम करना बहुत ही आवश्यक है जो किए यह आपका काम बहुत ही अलग है बहुत ही सराहनीय है इस काम को मैं आपको बहुत सारी ढेर सारी शुभकामनाएं मंगलकामनाएं मैं प्रकट करता हूं और आने वाले दिनों में आपको इस प्रकार की आशा करता हूं कि आपका काम आगे बढ़े यह कारवां आगे बढ़े भवतु सब्ब मंगलम